Friday, November 13, 2020

dhanteras 2020 Buy SGBs or gold ETFs this Dhanteras know here where to get high return

 Dhanteras 2020:  कोरोना महामारी के कारण गोल्ड सुरक्षित निवेश का विकल्प बना गया है. धनतेरस के शुभ मौके पर गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है. पिछली दिवाली से लेकर अब तक इसके भाव में 32 फीसदी की तेजी आई है. अधिकतर भारतीय गोल्ड में निवेश के नाम पर ज्वैलरी, गोल्ड कॉइन या गोल्ड बार खरीदना पसंद करते हैं. हालांकि निवेशकों के लिए सोवरेन गोल्ड बांड्स, गोल्ट ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) और ई-गोल्ड जैसे विकल्प भी हैं. आइए देखते हैं कि गोल्ड के किस रूप में निवेश करना अधिक बेहतर है.

SGBs में निवेश का आज अंतिम मौका

धनतेरस और दिवाली पर सरकार ने सोवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) की आठवीं ट्रेंच लांच की है. इसका सब्सक्रिप्शन आज यानी 13 नवंबर तक खुला है. इसकी इशू प्राइस 5177 रुपये प्रति ग्राम रखी हई है. हालांकि ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन लेने पर 50 रुपये प्रति यूनिट की छूट भी मिलेगी. एसजीबी की अवधि 8 साल की है, हालांकि पांच साल के बाद निवेशकों को एग्जिट का विकल्प मिलेगा. इस पर 2.5 फीसदी का ब्याज छमाही मिलता है.

मेच्योरिटी के समय SGB पर टैक्स देनदारी नहीं

प्राइमरी मार्केट से एसजीबी खरीदने पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता लेकिन सेकंडरी मार्केट से इसे खरीदने पर वन-टाइम ब्रोकरेज देना पड़ता है. एनालिस्ट्स का मानना है कि एसजीबी बेहतर निवेश का विकल्प साबित हो सकता है, अगर इसे मेच्योरिटी तक होल्ड कर रखा जाए क्योंकि तब इस पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ता है. अगर मेच्योरिटी से पहले इससे एग्जिट किया जाता है तो शॉर्ट टर्म और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ेगा.

गोल्ड ETF में निवेश का बेहतर मौका

गोल्ड ईटीएफ ओपन-एंडेड फंड्स हैं और इस पर रिटर्न फिजिकल गोल्ड में निवेश पर मिलने वाले वास्तविक रिटर्न्स के आधार पर निर्धारित होता है. निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड ईटीएफ में लगातार सातवें महीने बनी रही जैसा कि पिछले महीने अक्टूबर में निवेश से भी दिखा. अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में 384 करोड़ का निवेश हुआ और इस साल गोल्ड ईटीएफ में अब तक 6341.2 करोड़ का निवेश हो चुका है. इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इसकी कीमतों में गिरावट आई है तो एक तरह से निवेशकों के लिए यह निवेश का बेहतरीन मौका है.

पोर्टफोलियो में शामिल करें गोल्ड ETF

गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए सस्ता विकल्प है क्योंकि इसमें मेकिंग चार्जेज नहीं देने पड़ते हैं और इसमें सोने की शुद्धता को लेकर भी परेशान नहीं होना पड़ता है. एनालिस्ट्स का मानना है कि सभी निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ में निवेश जरूर होना चाहिए.

Gold ETF: कितने से शुरू कर सकते हैं निवेश

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी (ईटीएफ बिजनेस) हेड नितिन काबडी के मुताबिक फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ बेहतर निवेश विकल्प है. इसके स्टोरेज और चोरी को लेकर कोई चिंता नहीं करनी होती है क्योंकि यह डीमैट फॉर्म में होगा. इस पर मेकिंग चार्ज नहीं देना होता है, इस वजह से इसमें निवेश फिजिकल गोल्ड की तुलना में और सस्ता हो जाता है. नितिन काबडी का कहना है कि जिन निवेशकों को अगर भविष्य में गोल्ड की कुछ यूनिट (ग्राम) रखने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो वे गोल्ड फंड में न्यूनतम 1 हजार रुपये से भी एसआईपी शुरू कर सकते हैं. इससे उन्हें एक समय अंतराल बीत जाने के बाद गोल्ड यूनिट जुटाने में आसानी होगी.

SGB vs Gold ETF vs Physical Gold

  • एसजीबी पर ब्याज मिलता है और रिटर्न भी गोल्ड ईटीएफ या फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता है.
  • गोल्ड ईटीएफ में फंड मैनेजमेंट चार्जेज 0.5-1 फीसदी तक देना होता है जबकि फिजिकल गोल्ड में मेकिंग चार्जेज देना होता है.
  • अगर लिक्विडिटी की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ बेहतर विकल्प है क्योंकि एसजीबी में आठ साल की मेच्योरिटी पीरियड होती है और पांच साल के बाद ही इसमें एग्जिट ऑप्शन मिलता है.

FD रेट दशक के निचले स्तर पर

फिक्स्ड डिपॉजिट रेट एक दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं और सेंसेक्स के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद इक्विटी फंड्स का रिटर्न बहुत कमजोर रहा. इस वजह से इस साल गोल्ड सबसे बेहतर परफॉर्मेंस वाले एसेट रहा. एनालिस्ट का मानना है कि गोल्ड प्राइसेज पर आगे भी पॉजिटिव रूख रह सकता हैय क्वांटम एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर चिराग मेहता के मुताबिक सोने में निवेश बढ़िया वित्तीय फैसला हो सकता है क्योंकि यह रिस्क कम करने वाला और रिटर्न बढ़ाने वाली भूमिका अदा कर रहा है.

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